कोशी में मचा कोहराम,
डॉक्टरों की नींद हुई हराम.
प्रिय पप्पू ने कहर बरपाया,
बड़ों-बड़ों के पसीने छुड़ाये.
नहीं थी सजग जनता,
तूने किया उनको नंगा.
दीन-दुखियों की सेवा करते,
होता नहीं कोई जग में तुमसा महान्.
हर धर्म, हर मजहब हमें सिखलाता,
मानव सेवा सदैव करना.
गली-गली बौखते थे,
आज क्यों पसरा सन्नाटा.
दिया दर्ज़ा भगवान् का,
क्यों बन गये हैवान.
प्यार है उनको अपनों से,
जमीन-जेवर बेच करवाते इलाज़.
शर्म नहीं आती,
करते हो उनका शोषण .
ये भी कोई इंसानियत है,
लूट लिया गरीबों को.
क्या......?
डॉक्टर की यही निशानी है.
दिया दर्ज़ा भगवान् का,
क्यों बन गये हैवान ?
दीपक यादव
मधेपुरा, बिहार
डॉक्टरों की नींद हुई हराम.
प्रिय पप्पू ने कहर बरपाया,
बड़ों-बड़ों के पसीने छुड़ाये.
नहीं थी सजग जनता,
तूने किया उनको नंगा.
दीन-दुखियों की सेवा करते,
होता नहीं कोई जग में तुमसा महान्.
हर धर्म, हर मजहब हमें सिखलाता,
मानव सेवा सदैव करना.
गली-गली बौखते थे,
आज क्यों पसरा सन्नाटा.
दिया दर्ज़ा भगवान् का,
क्यों बन गये हैवान.
प्यार है उनको अपनों से,
जमीन-जेवर बेच करवाते इलाज़.
शर्म नहीं आती,
करते हो उनका शोषण .
ये भी कोई इंसानियत है,
लूट लिया गरीबों को.
क्या......?
डॉक्टर की यही निशानी है.
दिया दर्ज़ा भगवान् का,
क्यों बन गये हैवान ?
दीपक यादव
मधेपुरा, बिहार
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