किताबें बहुत सी पढ़ी,
सब जानते हैं
पर चेहरे उससे ज्यादा पढ़ा,
ये बात कम जानते हैं.

तुम मुस्कुराओ भले ही,
ऊपर-ऊपर,
पर हैं तुम्हारी आँखें नम,
हम जानते हैं.

माना रूठना-मनाना
है प्यार में जरूरी,
पर कभी -कभी इसमें
रिश्ते भी टूटते  हैं,
तुम और हम जानते हैं.

महज चार पल की
जिन्दगीं में प्यार के हैं
बस दो पल.....
आओ जी लें हम इसी में
सात जनम जानते हैं



राकेश सिंह (मधेपुरा, बिहार )
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