नव वर्ष की सुबह स्वागत है तुम्हारा
सूरज की नव लालिमा तरंगित हो     
जो उदास बेबस है मन से    
अपनी तरंग से तरंगित कर दो      
अब भी जो निंद में सोये है 
उनकी छत पर उजाला कर दो 

नव वर्ष की प्यारी सुबह 
नव युग का निर्माण करो 
जिनके मन में छल - प्रपंच भरे हैं 
ऐसे मन को नव तरंगित कर दो 
नव वर्ष की प्यारी सुबह 
नव रस का रंग तरंगित कर दो 



लक्ष्मी नारायण लहरे
कोसीर
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