कोहरे मे लिपटे
वृक्ष /पहाड़
कितने हसीं लगते है
जैसे प्रकृति ने
चादर ओढ़ली हो
सुबह की ठण्ड से |
इन पर पड़ी ओंस की
बूंदों से
खुल जाती है इनकी
नींद
साथ ही सूरज के
उदय होते
ऐसा लगता है
मानों
घर का कोई बड़ा
बुजुर्ग
अपने बच्चों को जैसे उठा रहा हो |
तब ऐसा महसूस
होता है कि
प्रकृति भी
सिखाती है
सही तरीके से
जीने के लिये
प्यार भरा
अनुशासन |
संजय वर्मा
"दृष्टि
"
125,शहीद भगत सिंह मार्ग
मनावर (धार )
kavita ko sthan dene ke liye madhepuratoday ke sampadak avm mandal sadsyo ko bahut-bahut dhanywad