आयतित एसी कार से रेड कारपेट पर पाँव रखते ही श्री श्री 1008 पूज्यपाद परमाचार्य स्वामी महात्मा मोक्षानंद जी महाराज की जय हो, जय हो...
      धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो...इत्यादि नारे गूंजने लगे. बड़े-बड़े लोग फूलमालाएं चढ़ाने लगे. कोई पाँव छूकर साष्टांग प्रणाम करने लगा. ऊपर मंच से सिक्कों, पुष्पों की वर्षा होने लगी. भीड़ और भगदड़ ऐसी मची कि तीन बच्चे और पांच महिलाएँ पंडाल में ही कुचलकर, दबकर मर गईं. फोटोग्राफर और पुलिस अलग परेशान.
      दरअसल महात्मा जी सुखी मानव संघ मठ के 501वें केन्द्र का उदघाटन करने एवं अमृत प्रवचन करने भागलपुर पधारे हैं. तरह-तरह की टीका-टिप्पणी हो रही है. इस केन्द्र के नये महंथ आचार्य धर्मानंद जी समझा रहे हैं- महात्मा जी आये हैं. बहुत बड़े महंथ हैं.. महातमा जी आये हैं. फकीर दास ने जिज्ञासावश दुहराया. महा तमा जी... घोर अन्धकार...


-डॉ० रामलखन सिंह यादव,
 अपर जिला जज, मधेपुरा.
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