घरक इज्ज़त बेटिऐ टा स नही
बेटो स सेहो होयत अछि
बेटी के हीन बुझैत छि मुदा बेटो
माथ झुकावैत अछि से नै सोचैत छि
थाकल हारल माय बाप जखन ऑफिस स
घर घुरैत छैथ
चौबटिया क भीड़ में छौंड़ा सभक बीच में
अपन बेटा के पानक पीक फेकैत
तरहथ पर खैनी चुनवैत
बाट चलैत छौंड़ी सब पर हँसैत ,
बेटो स सेहो होयत अछि
बेटी के हीन बुझैत छि मुदा बेटो
माथ झुकावैत अछि से नै सोचैत छि
थाकल हारल माय बाप जखन ऑफिस स
घर घुरैत छैथ
चौबटिया क भीड़ में छौंड़ा सभक बीच में
अपन बेटा के पानक पीक फेकैत
तरहथ पर खैनी चुनवैत
बाट चलैत छौंड़ी सब पर हँसैत ,
सिनेमाक
गीत गावैत देखि
लाज स माथ झुकि जायत छैक
रिक्शाक हुड कनी आर नीचा किएक नेभ जायत छैक
मुंह किएक ने हमर झांपी लेत अछ।।
तखन मोन में हुक उठैत छैक
काश बेटाक बदले बेटिऐ हेतियैक
चौराहा पर प्रतिष्ठा त नही नीलम हेतियैक
अपन आनक आंगुर त नै उठतियैक
अख़बार में बलात्कार ,खून क समाचार देखि
जी सन्न स उठैत छैक
कहीं एही में हमर बेटा ते नही
डकैती बेटी ते नही करैत अछ
पिस्तौल बम स बेटी ते नही खेलैत अछ
मोटर सायकिल मारुती बेटी ते नही चोर्वैत अछ।।
हुनक भय स दोकान ते सांझे साँझ बंद टी नही भ जायत छैक
तखन किएक बेटी अन्हार बेटा इजोत बनी जायत अछि
एक दिन गुदड़ी में लाल छिपल छल
आय किएक गुदड़ी ज्वाल बनल छैक
बेटा सान अछि ते बेटी में अभिमान भरू
दुर्गा काली क शक्ति केर सम्मान भरू
बेटा बेटी में संस्कार भरू
समाजक एही दुर्दशा केर जिम्मेदार के बनैत अछ
दनुजता क लंका में मानवता केर ज्ञान भरू
बेटा हो की बेटी
इंजिन सही छैक ते परिवारक पगड़ी
समाजक गाड़ी अपनही सोझ बाट पर चलैत अछि
तखन अहिं बाजु
जिम्मेदार के ???
गीत गावैत देखि
लाज स माथ झुकि जायत छैक
रिक्शाक हुड कनी आर नीचा किएक नेभ जायत छैक
मुंह किएक ने हमर झांपी लेत अछ।।
तखन मोन में हुक उठैत छैक
काश बेटाक बदले बेटिऐ हेतियैक
चौराहा पर प्रतिष्ठा त नही नीलम हेतियैक
अपन आनक आंगुर त नै उठतियैक
अख़बार में बलात्कार ,खून क समाचार देखि
जी सन्न स उठैत छैक
कहीं एही में हमर बेटा ते नही
डकैती बेटी ते नही करैत अछ
पिस्तौल बम स बेटी ते नही खेलैत अछ
मोटर सायकिल मारुती बेटी ते नही चोर्वैत अछ।।
हुनक भय स दोकान ते सांझे साँझ बंद टी नही भ जायत छैक
तखन किएक बेटी अन्हार बेटा इजोत बनी जायत अछि
एक दिन गुदड़ी में लाल छिपल छल
आय किएक गुदड़ी ज्वाल बनल छैक
बेटा सान अछि ते बेटी में अभिमान भरू
दुर्गा काली क शक्ति केर सम्मान भरू
बेटा बेटी में संस्कार भरू
समाजक एही दुर्दशा केर जिम्मेदार के बनैत अछ
दनुजता क लंका में मानवता केर ज्ञान भरू
बेटा हो की बेटी
इंजिन सही छैक ते परिवारक पगड़ी
समाजक गाड़ी अपनही सोझ बाट पर चलैत अछि
तखन अहिं बाजु
जिम्मेदार के ???
- डा० शेफालिका वर्मा, नई दिल्ली.
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