आओ भेद-भाव त्याग
करें नववर्ष की शुरुआत.

आह चाह
गुजर गए एक-एक पल साल के.
नववर्ष की नई किरणें.
लाये सुख-शांति का सन्देश.
खुशियों से भरे आपके दामन.
यही कामना है नववर्ष की मेरी.

यादों के झरोखों को समेटे.
नववर्ष के गान गुन-गुनाते चलो.

आओ मिल ठाने.
रोशन करेंगे नाम हिन्दोस्तांका.
रहने देंगे एक भी अत्याचारी को.
शांति का संदेश फैलायेंगे.
यही कामना है नववर्ष की मेरी.

जाति-पाति का भेद-भाव.
ईर्ष्या-द्वेष मिटा.
एक नई क्रांति लायेंगे.
जहाँ को भाईचारा का पाठ पढ़ायेंगे.
यही कामना है नववर्ष की मेरी.

 

दीपक यादव
मधेपुरा
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