(भ्रूण हत्या का दर्द)
मैं होती
माँ मैं भी माँ होती
नव-जीवन अँकुर मे... मै होती
अगर धरा में मैं भी रहती
तो सुहागन मै भी होती
नव-जीवन अँकुर मै देती
तेरी जैसी मैं भी होती
जितने रुप तुझमे होते
"एक रूप तो मुझको देती माँ
एक रूप तो मुझको देती माँ"
80-90 दिन कि थी मैं
गर तू रखती मै भी होती
अपने यौवन बाल्य अवस्था
मै भी हँसती
एक रूप तो मुझको देती माँ॥
एक रूप तो मुझको देती माँ॥

मै होती
बाबा मै भी माँ होती
तेरे घर कि कन्यादान मै होती
आँख के आंसू मे ही रखते
छलक के मै निकल ही जाती
कन्यादान मे तेरो बाबा
याद तो आती तुमको मेरी
अगर धरा मे मै भी होती
80-90 दिन कि थी मै
"यु ही मार गिरा दो
भाई हाथ के रक्षा बँन्धन को"
जब पुछेगा ये भाई मेरा
कहा है मेरी छोटी बहना?
"जवाब तो तुमको देना होगा
जवाब तो तुमको देना होगा"
80-90 दिन कि थी मै
अगर तुम रखते मै भी होती
भाई हाथ का रक्षा बँन्धन॥
भाई हाथ का रक्षा बँन्धन॥

जब त्यार-ब्यार (त्यौहार) मे रौनक होगी
याद तो तुमको मेरी होगी
जब आलि ईजा (माँ) त्यर माँ भिटौलि
(भिटौलि- उत्तँराखण्ड मे औरतो का त्यौहार)
तू किसको देगी बोल भिटौलि
अगर धरा मे मै भी होती
"मै भी होती आस मे बैठी
कब आलि म्यर माँ भिटौलि"
अगर तू रखती मै भी होती
80-90 दिन कि थी मै॥
80-90 दिन कि थी मै॥



सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
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