सुन्दर
भाग्योँ के साथ।
इन्तजार था जिसका कब से
माँ की आँखोँ मेँ,
पापा भी क्या कम तरसे
उसके स्वागत मेँ।
लो आ गई
वो खुशियोँ की झोली,
बनालो अपनी मनपसंद
रंगोली।
नानी की दुलारी नाना की प्यारी।
दादा का घर रोशन करने,
दादी का दिया आयी।
इन्तजार था जिसका कब से
माँ की आँखोँ मेँ,
पापा भी क्या कम तरसे
उसके स्वागत मेँ।
लो आ गई
वो खुशियोँ की झोली,
बनालो अपनी मनपसंद
रंगोली।
नानी की दुलारी नाना की प्यारी।
दादा का घर रोशन करने,
दादी का दिया आयी।
मामा-चाचा सबका खिलौना,
है ये चंचल झरना सलौना।
किलकारियाँ गूँजेँगी
गूँजती रहे, दुआ है
नन्ही परी हँसती रहे।
रोने न देना नाजुक है,
टूटने मत देना कोमल है।
इसकी पँखुरियोँ को सम्भाल
के सीँचना, अरे मालि-
मालिनी ये तेरा पौधा है।
पूरी करना इसकी हर
जरुरत,
बस यही है अब
तुम्हारी अमानत।
पढा लिखा बना बड़ा आदमी,
देना बदल सोच जमाने की।
देना हर संस्कार इसे,
करेगी ये दिल की बात
आपसे।
जीवन साथी ढूँढना अपने
ही पसंद का,
पर ब्याह
रचाना इसकी मर्जी का।
रहेगी ये खुश आजीवन
जीयेगी सुकून से,
कहेगी सबसे अच्छे माँ-बाप
हैँ मेरे बडे गर्व से।
किलकारियाँ गूँजेँगी
गूँजती रहे, दुआ है
नन्ही परी हँसती रहे।
रोने न देना नाजुक है,
टूटने मत देना कोमल है।
इसकी पँखुरियोँ को सम्भाल
के सीँचना, अरे मालि-
मालिनी ये तेरा पौधा है।
पूरी करना इसकी हर
जरुरत,
बस यही है अब
तुम्हारी अमानत।
पढा लिखा बना बड़ा आदमी,
देना बदल सोच जमाने की।
देना हर संस्कार इसे,
करेगी ये दिल की बात
आपसे।
जीवन साथी ढूँढना अपने
ही पसंद का,
पर ब्याह
रचाना इसकी मर्जी का।
रहेगी ये खुश आजीवन
जीयेगी सुकून से,
कहेगी सबसे अच्छे माँ-बाप
हैँ मेरे बडे गर्व से।
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने...
नन्हीँ सी कली
छोटे पंखोँ के साथ,
आयी देखो एक परी
सुन्दर भाग्योँ के साथ।
बहुत खूब और उम्दा सोच.....
nice
wo ek nanhi si pari hai,,,
jise dekh ke dil ko sokoon mile
jiski muskurahat se hazaaron phool khile
jiski ek jhalak paane ko maa bechain ho
jise dekhne ko papa beqaraar hoon
haan ye wahi pari hai ,,
bhaaiyon ka pyaar , bahno ki aarzoo
dadi ki chahat dada ki justajoo
farishto si masoom parion si nazuk
wo dekho mere saamne khadi hai ,,, haan ye wahi pari hai,,
wo ek nanhi si pari hai,,,,,,,,,,♥♥♥♥♥♥♥,,,,,,,,,,♥♥♥♥♥♥♥♥,,,,,,!♥!♥!♥