मेरे हाथो को थाम
कर चलना चाहे.......
कोई मिल जाए......
ऐसा जो मेरे साथ,
चाँद को निहारते हुए
सारी रात गुजारना चाहे........
कोई मिल जाए ऐसा....
जो मेरी ख़ामोशी को समझ जाए,
जो मेरी मेरी धडकनों को सुनना चाहे.........
कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके काँधे पर सर रख,
मैं दुनिया को भूल जाऊं....
जो मेरी साँसों में घुलना चाहे.........
कोई मिल जाए ऐसा...
जिसकी आखों में,
मैं बेइंतहा प्यार देखूं,
जो मेरी आखों में,
सिर्फ खुद को देखना चाहे......
कोई मिल जाए ऐसा.....
जिससे हर बार मैं जीत जाऊं,
जो मेरी एक मुस्कान पर....
अपना सब कुछ हारना चाहे.......
कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके साथ गुजरा इक-इक पल,
एक पूरी जिन्दगी लगे...
जो सिर्फ मेरे साथ....
अपनी पूरी जिन्दगी जीना चाहे......
कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके सजदे सर,
मेरा हमेशा झुकता रहे,
जो अपनी दुआओं में...
मुझे ही पाना चाहे....
कोई मिल जाए ऐसा...जिसका एहसास,
मेरी हर कविता में हो,
जो मेरे लिखे...
हर शब्द का अर्थ बनना चाहे......!!!
कोई मिल जाए......
ऐसा जो मेरे साथ,
चाँद को निहारते हुए
सारी रात गुजारना चाहे........
कोई मिल जाए ऐसा....
जो मेरी ख़ामोशी को समझ जाए,
जो मेरी मेरी धडकनों को सुनना चाहे.........
कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके काँधे पर सर रख,
मैं दुनिया को भूल जाऊं....
जो मेरी साँसों में घुलना चाहे.........
कोई मिल जाए ऐसा...
जिसकी आखों में,
मैं बेइंतहा प्यार देखूं,
जो मेरी आखों में,
सिर्फ खुद को देखना चाहे......
कोई मिल जाए ऐसा.....
जिससे हर बार मैं जीत जाऊं,
जो मेरी एक मुस्कान पर....
अपना सब कुछ हारना चाहे.......
कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके साथ गुजरा इक-इक पल,
एक पूरी जिन्दगी लगे...
जो सिर्फ मेरे साथ....
अपनी पूरी जिन्दगी जीना चाहे......
कोई मिल जाए ऐसा...
जिसके सजदे सर,
मेरा हमेशा झुकता रहे,
जो अपनी दुआओं में...
मुझे ही पाना चाहे....
कोई मिल जाए ऐसा...जिसका एहसास,
मेरी हर कविता में हो,
जो मेरे लिखे...
हर शब्द का अर्थ बनना चाहे......!!!
-सुषमा ‘आहुति’, कानपुर
बहुत बहुत सुन्दर कविता हे , 10 out of 10, really very like this, great job