ये भारत-भाग्य-विजेता हैं,
डॉक्टर/अभियंता/नेता हैं,
शासक-प्रशासक/ हुक्मरान ये,
नव धनाढ्य/ अभिनेता हैं,
पूनम-अमावस/ साथ-साथ,
ये राहु-केतु समवेता हैं,
करते नहीं/ जो कहते हैं,
बड़भागी/ बहरूपिये भरपेटा हैं,
नीति-नैतिकता/ टका सेर इन्हें,
ये सगे मौसी के बेटा हैं,
लाभ-हानि के सौदागर ये,
नव-संस्कृति के प्रणेता हैं,
श्रद्धा-इड़ा कराह रहीं,
हम तो केवल अध्येता हैं.
-डॉ० रामलखन सिंह यादव
अपर जिला जज, मधेपुरा.
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